पकड़ के मेरी ऊँगली
क्यों सिखाया चलना ?
हाथ पकड़ के तुमने मेरा
क्यों सिखाया पढ़ना
फूले नही समाई थी तुम
जब मैंने सीखा था लड़ना
माँ, मैं हार गया उस जीत से
जुड़ने दो मुझे अतीत से
छोटी सी दुनिया थी अपनी
सीमित थी मेरी परिभासाएं
आज बताओ मैं क्या करता
तुमने ही कर वो आशाएं
छोड़ दिया था खुली सड़क पर
दिखला के वो चार दिशायें
माँ, मैं थक गया अब इस रीत से
जुड़ने दो मुझे अतीत से
बहुत बड़ी माँ है ये दुनिया
बहुत दूर हैं चाँद सितारे
कहते हैं कुछ लोग सुहावन
लगते हैं उनको ये सारे
पर न जाने क्यों मुझे ये सब कुछ
लगते थे तेरे साथ ही प्यारे
माँ, अब बुला लो अपने गीत से
जुड़ने दो मुझे अतीत से
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